शनिदेव जी की राशी परिवर्तन पर – शनिवार का दिन ,शनि नक्षत्र,शनि अमावस्या,और शनि राशि परिवर्तन का अद्भुत मुहूर्त इस दिन होने वाला शनि शांति अनुष्ठान शनिदेव जी का मीन राशी में 29 – 03 – 2025 को प्रवेश होने पर होगा इसकी बुकिंग 27-08- 2024 से प्रारंभ होगी * शनि सेवा में नतमस्तक शनि आश्रम औरंगाबाद ( महा. ) 0240- 2471558, 9422704358
शनि पलट / शनि राशी परिवर्तन

शनि पलट / शनि राशी परिवर्तन

शनिदेव जी का कुंभ राशी में प्रवेश शनि पलट / शनि राशी परिवर्तन 29 अप्रेल 2022, दिन शुक्रवार, चतुर्दशी तिथि राशी परिवर्तन का विज्ञान – जिस किसी भी स्थान से शनिदेव की यात्रा प्रारंभ होती है पुनः ठीक उसी बिन्दु पर वापस आने हेतु उनको पूरे 30 वर्षों का समय लगता है। कुंभ राशी पर 29 अप्रेल 2022 को पूरे 30 वर्षो के बाद उनका पुनः उसी शून्य (जीरो) डिग्री पर प्रवेश होगा जहां से पहले हुआ था। किसी भी राशी पर (स्थान पर) भाव पर एक साथ ढाई वर्ष तक विराजमान रहने के कारण हम 30 वर्षो में ढाई वर्ष और कम करके यह गणित अनुसार कह सकते हैं कि साढ़े 27 वर्ष पूरे होने के बाद फिर से शनिदेव कुंभ राशी में ढाई वर्ष तक रहेंगे। शनिदेव का मार्गी होना यानि आगे चलना, बढ़ना आगे कि राशी का फल देना, और शनिदेव का वक्री होना यानि अपने से पीछे की राशी को प्रभावित करना, पीछे की राशी को फल प्रदान करना। 29.4.2022 से लेकर आगामी 12.7.2022 तक शनिदेव का यहां कुंभ राशी पर बैठने से ही फल देखा जायेगा। इस के बाद 12.7.2022 को रात्रि 10.28 मि. पर शनिदेव पुनः मकर राशी में वक्री होंगे, कौनसे नक्षत्र में शनिदेव का प्रवेश होगा, उससे शनिदेव की समय परिक्रमा का फल देखा जाता है। 22 जनवरी 2022 को श्रवण नक्षत्र में शनि प्रवेश होगा वह उनका मित्र नक्षत्र नहीं है। यह नक्षत्र चंद्रमा का है इस पर शनिदेव होना जो फल देगा इसी से भविष्य में देश, काल, वातावरण, प्राणी मात्र पर होने वाले शुभ अशुभ प्रभावों की गणना की जाती है। 29.4.2022 को शनि साढ़े साती बदलेगी – जानिये कुंभ राशी पर शनिदेव का प्रवेश होने पर कुंभ राशी वालों को शनि की साढ़े साती का ढाई वर्ष पूरा होने के बाद दूसरे ढाई वर्ष का यानि मध्यस्थ शनि की साढ़े साती का समय प्रारंभ हो जायेगा यानि हृदय की साढ़े साती लग जायेगी। मकर राशी से बाहर आने के कारण मकर राशी वालों को 29 अप्रेल 2022 से उतरती साढ़े साती का समय प्रारंभ हो जायेगा यानि शनि की साढ़े साती के उनके 5 वर्ष पूरे होकर आगामी ढाई वर्ष का समय और बचेगा। 12.7.2022 को शनिदेव पुनः मकर राशी में वक्री होंगे जो 18.1.2023 तक रहेंगे।अब शनिदेव मकर पर आयें थे तब मकर के पहले 9 नम्बर की धनु राशी पर उतरती साढ़े साती का समय चल रहा था अब 29 अप्रेल 2022 से धनु राशी के शनि की साढ़े साती का समय पूरा खत्म हो जायेगा। जब भी किसी भी राशी पर शनि की साढ़े साती का समय प्रारंभ होता है तब उसे चढ़ती साढ़े साती कहा जाता है। कुंभ राशी का 11 नम्बर है और मीन राशी 12 नम्बर की है शनिदेव जब भी 11 वीं कुंभ राशी में प्रवेश करेंगे तो इसके आगे वाली 12 नम्बर की मीन राशी को शनि की चढ़ती साढ़े साती लग जायेगी जो साढ़े सात वर्ष तक का समय लेगी। ढैया बदलेगा – शनि के ढ़ैये का विज्ञान जब भी हमारी राशी से शनिदेव के बैठने का स्थान चौथा होता है और आठवां होता है यानि किसी भी राशी से जब शनिदेव चौथे स्थान पर या आठवें स्थान पर विराजमान होते तब उस राशी को शनि का ढैया लग जाता है शनि के ढैये का ढाई वर्ष वाला समय उस राशी को प्रभावित करता है। जैसे अभी तक 7 नम्बर की तुला राशी पर शनि का ढैया था और 3 नम्बर की मिथुन राशी पर शनि का ढैया था क्योंकि 7 नम्बर की तुला राशी से दशवें नम्बर की मकर राशी पर शनिदेव बैठने के कारण चौथे स्थान पर आ रहे है थे और मिथुन राशी से उनका बैठने का स्थान आठवां हो रहा है इसलिये इन दोनों राशियों को शनि का ढैया लग रहा था। जो अब 29 अप्रेल 2022 को ढ़ैये की अवधि समाप्त हो जायेगी। नई राशीयों पर ढैया समय तुला राशी के बाद वृश्चिक राशी आती है 8 नम्बर की वृश्चिक राशी से कुंभ राशी के 11 नम्बर पर शनिदेव के बैठने के कारण चौथा स्थान बैठने का बनेगा इसलिये शनि का ढैया वृश्चिक को लगेगा। मिथुन राशी के बाद चौथे नम्बर की कर्क राशी आती है कर्क राशी से 11 नम्बर की कुंभ राशी का जहां शनिदेव बैठेंगे वहां का आठवां नम्बर आने से कर्क राशी को भी 29.4.2022 से ढाई वर्ष वाला शनि के ढ़ैये का समय चलेगा। * शनि साधिका डॉ विभाश्री दीदी ,औरंगाबाद, महाराष्ट्र

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