Shri Shanaishwar Devasthan, Shingnapur – Post – Sonai – Taluka – Nevasa – Dist – Ahamadnagar – Pin – 414105 – Maharashtra Ahmadnagar – 39.6 Km * Shri Shani Mandir, N2, Cidco, Aurangabad – 83.4 Km * Shri Shani Ashram,
Aurangabad (MH) – 91.4 Km
Archives: Bharat k Shani Tirth Kshetra
Bharat k Shani Tirth Kshetra
SHANI DHAM RAKSHASBHUVAN
Rakshasbhuvan Road, Beed, Maharashtra – 431130 * Destance From Beed Bus Stand – 54 Km * Shri Shani Ashram, Aurangabad (MH) – 78.3 Km
SHRI SHANI DHAM KOKILAVAN
Kokilavan, Vill Post, Bathain Kalan, Uttar Pradesh – 281403
- Kosi Kalan railway Station – 9 Km * Mathura Railway station – 55 Km * Mathura Bus Terminal To Kokilavan – 55 Km * Nearest Airport Is Indira Gandhi Airport Delhi – 130 Km
Shri Shani Mandir Nastanpur
Nandgaon – 1.5 Km * Chalisgaon ( Dhuliya ) – 75.9.Km * Nasik (MH) – 130 Km * Shri Shani Ashram, Aurangabad (MH) – 132 Km
SHANI DHAM SHANESHCHARA GWALIOR (MP)
ये एरी पर्वत पर – शनैश्चरा मंदिर है। 18 उत्तरप्रदेश उत्तराखण्ड – कुछ तो है में इसके बारे में 2020 में गहरी जानकारी दी गई। जिला मुरैना में मौजूद शनिदेव की अनोखी दुनिया है यहां ये उल्कापिंड रूप में हनुमानजी ने लंका से
शनिदेवजी को तेज गति से शनिश्चरा पहुँचाया था मूर्ति उल्कापिंड से बनी थी, स्वयंभू है पानी का झरना – गुप्त गंगा के रूप में है। ये ग्वालियर स्टेशन से 26 कि मी की दूरी पर है यहां के एरी पर्वत पर आज भी वहां खूबसूरत झरने
हैं। एरी पर्वत पर 84 झरनों का रहस्य जलधारा – गुप्तगंगा है पौड़ेसरकार महाबलि हनुमान की लेटी मूर्ति 7 फिट की है। ये 7 फिट की मूर्ति वर्तमान में कुछ उठती नजर आ रही है। मंदिर पुराना त्रेता युग से है। भगवान राम भी वहां
पर सीता जी और लक्ष्मण सहित पधारे थे। मेन रोड के शनि द्वार ( गेट से ) 10 कि मी अंदर है यात्री ग्वालियर के एअरपोर्ट से या ग्वालियर रेल्वे स्टेशन से किसी भी स्थान से शनैश्चरा मंदिर पहुँचे लगभग दुरी एक जैसी ही पड़ती
है। Distance Of 23 Km From Gwalior & 29 Km From Morena * Airport – 17.8 Km * Railway Station – 20.6 Km
NAVGRAH SHANI MANDIR
On Ujain – Indore Highway * Railway Station,Ujjain – 8.8 Km * Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga Shiv Mandir – 21 Km * Railway Station, Indore – 49.3 Km * The Nearest Airport Devi Ahilyabai Holkar Airport Indore – 53 Km
Tirunallar Saniswaran Temple Or Dharbaranyeswarar Temple
Address – Nalankulam, Thirunallar, Puducherry 609607 –
Distance From Karaikal Railway Station & Bus Stand – 6 Km –
Nearest International Airport 1) Chennai (Madras) 2) Trichirapalli 3) Coimbatore 4) Madurai 5) Tirupati
SHRI SHANI ASHRAM
Chikalthana Airport – 3 Km * Aurangabad Railway Station – 13.9 Km * Ellora Caves – 40.6 Km * Grushneshwar Jyotirlinga Ellora – 52.3 Km * Ajanta Caves – 63.9 Km * Shri Shani Shingnapur – 91.4 Km * Sai Baba – Shirdi – 132 Km * Shri Shani mandir, Nastanpur – 132 Km
SHRI SHANI GYAN MANDIR
N-2, Cidco, Thakre Nagar Road, Aurangabad (MH) * Chikalthana Airport – 5 Km * Aurangabad Railway Station – 9.9 Km * Ellora Caves 34.1 Km * Grushneshwar Jyotirling Ellora – 44.3 Km * Ajanta Caves 55.9 Km * Shri Shani
Shingnapur 84.8 Km * Sai Baba – Shirdi 124 Km * Shri Shani mandir, Nastanpur 124 Km
SHANI TIRTH BIRJHPUR CHATTISGARH
श्री शनि तीर्थ क्षेत्र बिरझापुर
तहसील – धमधा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़
संस्थापिका – एस्ट्रोलॉजर, शनि साधिका डॉ विभाश्री दीदी जी
इतिहास व महत्वपूर्ण जानकारी
सन 1996 में ज्योतिषाचार्या डॉ विभाश्री दीदी का निवास छत्तीसगढ़ राज्य के जिला दुर्ग में था। उस समय जिला दुर्ग मध्य प्रदेश राज्य के अन्तर्गत आता था छत्तीसगढ़ राज्य का बटवारा नहीं हुआ था। जिला दुर्ग के रेलवे स्टेशन से 2 कि मी की दूरी पर आदित्यनगर नामक कॉलोनी में दीदी जी का भवन शनि संस्थान था यहां से ही शनिदेव जी के सारे सेवा कार्य हुआ करते थे। एक बार शनि साधिका डॉ विभाश्री दीदी जी अपने आध्यात्मिक सेवा ग्रुप के साथ शनिक्षेत्र शिंगणापुर, जिला अहमदनगर, महाराष्ट्र में आई जनवरी 1996 में दीदी जी को शिंगणापुर में जब वहां के अंधविश्वासी लोगों ने ये यह कहकर शनिदेव जी की पूजा नहीं करने दी कि महिलायें शनिदेव की पूजा नहीं कर सकती हैं, ये बात दीदी जी को बहुत बुरी लगी इसके बाद दीदीजी के हठयोग और साधना के प्रभाव से शनिदेव जी ने 1997 में यह संकेत दे दिया कि उनको शनिदेव कि प्रतिमा कब, कहाँ, कैसे मिलेगी और उसकी स्थापना किस क्षेत्र में होगी और महिलाओं को धर्म क्षेत्र में, शनिदेव की पूजा में भाग लेने का अधिकार दिलाने के लिये उनको कितना संघर्ष, किस रूप में करना होगा।
बस दीदी जी के जप, तप, व्रत, साधना,योग के फलस्वरूप ठीक वैसी ही शनिदेव जी की मूर्ति प्रतिमा वन के आकार की 5 फिट 8 इंच वाली 5.4.1997 में एक छोटे से ग्राम बिरझापुर में बहुत बड़े धार्मिक सम्मलेन व उत्सव के साथ स्थापित हो गयी यह चमत्कार से कम नहीं था।
श्री शनितीर्थ क्षेत्र बिरझापुर धमधा, दुर्ग छत्तीसगढ़ का इतिहास
सन 1996 से शनि साधिका डॉ विभाश्री जी को एक स्वप्न प्रतिदिन प्रातः 4 आता था जिसमें वे एक अजनबी गांव में जाती थी वहां एक तालाब किनारे खण्डर मंदिर के सामने खुदाई कराई जाती थी और जैसे ही खुदाई में कुछ प्राप्त होने वाला होता था आँख खुल जाती थी। उड़ीसा के झारसुगड़ा जिले के बरगड़ गांव में यह स्थान मिला फिर अप्रेल में यहाँ से खुदाई द्वारा 5 फिट 8 इंच के अंग्रेजी के वन आकार की एक प्रतिमा प्राप्त हुई जो कि बिलकुल शिंगणापुर श्री क्षेत्र के जैसी ही दिखती है। वहां से दो छोटी मूर्तियां डेढ़ फिट वाली राहू – केतू देवता की भी साथ में प्राप्त हुई जिनकी स्थापना दुर्ग जिले की धमधा तहसील में एक गांव बिरझापुर में 5.4.1997 को बहुत बड़े संत सम्मेलन के द्वारा विद्वान पुरोहितों ने की। बिरझापुर ग्राम के ही एक किसान परिवार के विद्वान ब्राम्हण पं श्रीकांत शर्मा की ओर से शनिदेव जी की सेवा में आधा एकड़ की यह भूमि दान में दीदीजी को प्राप्त हुई थी। वर्तमान में इस शनितीर्थ की संचालिका डॉ विभाश्री जी, संरक्षक – श्री श्रीकांत शर्मा और स्थायी पुरोहित पं छगन शर्मा जी है। जो सारी शनितीर्थ क्षेत्र की व्यवस्था को संभालते हैं। दीदीजी द्वारा औरंगाबाद महाराष्ट्र में शनि आश्रम स्थापित होने के पूर्व सारे अनुष्ठान / शांति महायज्ञ इसी भूमी में शनितीर्थ बिरझापुर में ही हुआ करते थे। अभी भी प्रति नवरात्रि में यहां शनि शांति हेतु असंख्य ज्योति (कलश) तेल की स्थापना होती हैं और प्रत्येक शनि त्योहारों पर सैकड़ों श्रद्धालु पैदल चलकर भी दर्शनार्थ पहुँचते हैं । यहां पहुँचने के लिये दुर्ग बसस्टॅंड से गण्डई एवं जबलपुर के लिये जाने वाली बसें प्राप्त होती है। गण्डई मार्गपर यह बिरझापुर गांव काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। दुर्ग से धमधा के लिये जाने वाली बसें प्रति घंटे यात्रियों को प्राप्त होती है फिर धमधा बसस्टॅंड से 3 कि मी दूर यहां शनि क्षेत्र में आटो व टॅक्सी द्वारा भी जाया जा सकता है। यहां की प्रतिमा स्वयंभू और बिलकुल शिंगणापुर जैसी होने के नाम से और यहां दीदीजी द्वारा पहली बार महिलाओं को शनिपूजा का स्वतंत्र अधिकार देने के नाम से पिछले दिनों यह क्षेत्र बहुत चर्चा का विषय बना था।
उल्लेखनीय है कि शनि साधिका डॉ विभाश्री दीदीजी ने अपने साधनात्मक मार्ग में चल रहे अपार संघर्षों, पारिवारिक विवादों के कारण जब 24.11.19 में जिला दुर्ग के अपने निजी शनि संस्थान का, परिवार का त्याग करके अपने शिष्यों, भक्तों, साथियों व ज्योतिषाचार्यो के साथ गंगोत्री में गंगाजी में खड़े होकर जब गृहस्थ संन्यास की, आजीवन ब्रम्हचर्य की दीक्षा ली तब उसके बाद उन्होंने 14.10.2000 को शनिदेव की कृपा से महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के N-2 सिडको के क्षेत्र में एक विशाल शनि मंदिर की स्थापना की जहां पर ही वर्तमान में दीदीजी का स्थाई निवास भी है और फिर बढ़ती भीड़ को देखकर आपने 2005 में 4 एकड़ की भूमी में विशाल,खूबसूरत शनैश्वर तीर्थ क्षेत्र शनि आश्रम चिकलथाना, औरंगाबाद की स्थापना करके यह प्रमाणित कर दिया कि शनिदेव की उन पर कितनी कृपा है – बनाता नहीं कोई शनि जैसा – बनने वाला व्यक्ति चाहिये।
दिसम्बर 2013 में शनितीर्थ क्षेत्र बिरझापुर, धमधा, दुर्ग छत्तीसगढ़ के संरक्षक श्री श्रीकांत शर्मा और पण्डित श्री छगन शर्मा जी के सहयोग से यहां 7 दिन चलने वाली शनि भागवत कथा भी की थी इस कार्यक्रम में रायपुर जिले के, दुर्ग जिले के सांसद, विधायकों, प्रोड्यूसर आदि के अलावा मुंबई के अभिनेता दयाशंकर पाण्डेय शनिदेव का अभिनय करने वाले ने भी भाग लिया था। संस्कार चैनल के द्वारा इस कार्यक्रम को देखकर ज्ञान अर्जन का लाभ भी मिला। शनि साधिका दीदी जी की शनि भागवत कथा में उस समय उमड़ने वाले जनसमुदाय ने यह प्रमाणित कर दिया था कि यह तीर्थ क्षेत्र शनि के आठों धामों के जैसा ही प्रसिद्ध होगा जिसके लिये शनिदेव जी ने ही डॉ विभाश्री दीदीजी को चुना है।
अधिक जानकारी हेतु संपर्क
श्री शनि आश्रम, औरंगाबाद, महाराष्ट्र
संरक्षक – श्रीकांत शर्मा
पुजारी – छगन शर्मा
9422704358, 9424139677
गौरव शर्मा
9977344032
रवी शर्मा
9424112774